Jeet

The king is dead; long live the king.

मौक्ष जिसे हासिल है

वही तो क़ातिल है।

रेंगते सायों में

ज़हर घुल रहा है।

सांस निकल रही है,

अंधेरा छा रहा है।

इस अंधेरे के बाद रौशनी आएगी,

ये काली रात अब जाएगी।

आने वाले सवेरे में भी एक रात है,

आने वाले सवेरे में भी कई अनकही बात है।

इस नए चेहरे का भी थका हुआ मुँह है।

ये समय सबका है, पर सबको सब नहीं देता है।

जब समय आया, तब तक कई समझौते हो चुके थे,

कई खुशियाँ जा चुकी थीं; कई ख्वाहिशों वाले सपने सपने ही रह गए थे।

एक हाथ में अब जीत आई, तो दूसरे हाथ में तन्हाई भी थी।

एक आँख में कुछ कर गुजरने का जोश था,

तो दूसरी आँख पर पुराने साए—

जैसे कह रहे हों: तुम हो, पर तुम अब तुम नहीं हो।

ये आँखें सोना भूल जाएंगी,

सपने देखना भूल जाएंगी।

क्योंकि राजा की गद्दी में कांटे हैं,

हम सब ने मिलकर बाटें हैं|

यहाँ सब है—

बस सुकून नहीं है।

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